Thursday, February 2, 2023

Think Big --- Be Positive

       आजकल हर क्षेत्र में गला काट प्रतियोगिता चल रही है । बच्चे रात रात भर जाग कर अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं । लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें काम करना या मेहनत करना छोड़ देना चाहिए। हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार , बिना रुके , बिना थके मेहनत करते रहना चाहिए। जिंदगी में तब तक मेहनत करते रहें जब तक अपना गोल ना पूरा हो। हमेशा बड़ा सोचे l आप जितना बड़ा सोचोगे , आपको उतनी हीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। नए आइडिया बनाने पड़ेंगे और उन आइडिया पर कम भी करना पड़ेगा। 
        आपको सपने बड़े देखने चाहिए और सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाना चाहिए। अगर आप बड़ा सोचोगे तो इसे पूरा करने के लिए ज1

Saturday, January 28, 2023

Power of Positive thinking l सकारात्मक सोच की शक्ति

      जैसा कि आपको पता ही है कि हम जैसा सोचते है वैसे ही बन जाते है । अगर सत्संग सुनते हैं तो विचारों में अपने आप ही शुद्धता आने लगती है । अगर हर समय पैसे के बारे सोचते हैं तो अपने आप ही पैसे आने लगते है । दुनिया के मशहूर निवेशक वारेन बफेट ने कहा था कि वह 50 वर्ष से पहले हर हालत में करोड़पति बन जाएंगे और अगर नहीं बन पता तो आत्म हत्या कर लूंगा । लेकिन वह 50 वर्ष से पहले ही करोड़पति बन गए। आज वह किसी परिचय के मोहताज नहीं है । आज मैं आपको Power of Thinking के महत्वपूर्ण बिंदू बताऊंगी। 
1. सबसे पहला तो यह है कि में जिंदगी से बहुत खुश हूं और इसके लिए में भगवान का आभार मानता हूं। 
2. Yes I Can  यह शब्द दिन में बार - बार बोलें।
3. मुझे अपने आप पर पूरा यकीन है  और मुझे अपने किए काम पर कोई भी संदेह नहीं है । 
4. मैं मजबूत हूं और कोई भी मुझे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता ।
5. मैं सफल होने के लिए सकारात्मक हीं सोचूंगा। 
6. मैं दूसरों के कहे का खुद पर नेगेटिव प्रभाव नहीं होने दूंगा। 
7.किसी ने अगर आपके साथ बुरा किया है तो उन्हें माफ कर दे। 
8 एक अच्छे भविष्य के लिए एक एक कदम आगे बढ़ाएं। 
9. मैं किसी से अपनी तुलना नहीं करूंगा क्योंकि हर आदमी अलग है। 
10. मेरे पास बहुत अच्छे आइडिया है और मैं उन्हें पूरा होता देख रहा हूं। 
11. मैं हमेशा खुशी चुनूंगा। 
12. मैं कुछ भी कर सकता हूं , चाहे इसको पूरा होने में कुछ समय लग सकता है । 
13.  मैं अपनी ऊर्जा सिर्फ महत्वपूर्ण कार्यों पर लगाऊंगा। 
14. मैं खुशी ना देने वाली चीजों पर  ध्यान नहीं दूंगा। 15. मैं भरोसा रखूंगा कि हर चीज बेहतरी कि तरफ बाद रही है। 
       अगर आप इन दी गई बातों को पूरी तरह से अमल करेंगें तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता ।  

Saturday, April 4, 2020

Corona Connection of Tabligi Jmat

तबलीगी जमात का कोरोना कनेक्शन

तबलीगी जमात, यह शब्द कई दिन से इलेक्ट्रोनिक मीडिया में काफी प्रचलन में है ! तबलीगी जमात के कोरोना कनेक्शन के बारे में बताने से पहले थोडा सा तबलीगी जमात का इतिहास समझ लेते हैं! तबलीगी जमात का  इंग्लिश में मतलब है --- Society for spreading faith. इसकी स्थापना 1926 – 27 में मुहम्मद इलियास ने निजामुद्दीन में कुछ लोगों को साथ लेकर की थी! तबलीगी जमात एक तरह का सुन्नी धर्म प्रचारक आन्दोलन है ! मुहम्मद इलियास का तबलीगी जमात को स्थापित करने का उदेश्य अध्यात्मिक इस्लाम को मुसलमानों तक पहुँचाना था ! ऐसा कहा जाता है कि मुगलों के समय में लोगों ने डर कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था ! परन्तु मन से वह हिन्दू ही रहे! बहुत सारे तो ऐसे मुस्लिम थे, जिन्होंने अपना मुस्लिम नाम होने के साथ – साथ अपने हिन्दू धर्म का surname भी साथ रखा जैसे – मुज्जफर अहमद राठौर, वह मुगलकाल में मुसलमान बनने का ढोंग करते हुए हिन्दू धर्म का पालन करते रहे ! वह हिन्दुओं के सारे त्यौहार मना रहे थे , जन्म मरण के सब कार्यक्रम और शादियाँ तक हिन्दू रीति रिवाज़ से करते रहे ! वह मन से हिन्दू परम्परा तथा रीति रिवाजों का पालन करते थे !

मुगलों ने मंदिरों को तोड़ कर मस्जिदे खड़ी कर दी थी ! लोगों को इबादत करने के लिए मस्जिदों में जाने को मजबूर किया ! भय से , अत्याचार कर के , हत्याएं कर के हिन्दुओं को मुसलमान तो बना दिया , परन्तु जब अंग्रेज आये तो ऐसे हिन्दू जो जबरन मुस्लिम बन गए थे, वह दोबारा हिन्दू धर्म की तरफ लोटने लगे ! आर्य समाज द्वारा भी इन्हें हिन्दू धर्म में लाने के लिए शुदिकरण का अभियान चलाया !

तबलीगी जमात के छह उसूल या सिद्धांत है !

(सलात , कलिमा , इल्म , ईक्राम – ए – मुस्लिम , इख्लास  - ए – निय्यत , दावत –  ओ – तबलीग )

आसान शब्दों में ऐसा कह सकते हैं :-

1. नमाज पढना

2. भगवान पर पूरी तरह से भरोसा रखना

3. धर्म के समबन्ध में बात करना

4. नियत साफ़ होना

5. रोजाना के कामों से दूर होना

6. इमान

       यह तो थी थोड़ी सी जानकारी तबलीगी जमात के बाते में , लेकिन अब उस मुद्दे पर आते हैं जिसके कारण तबलीगी जमात ने अपने सदस्यों में कोरोना वायरस फ़ैलाने के साथ – साथ पूरे भारत या यों कहिये कि पूरे विश्व में फ़ैलाने का योगदान दिया ! इनकी इन्हीं हरकतों की वजह से लोग तबलीगी जमात को तालिबानी जमात की संज्ञा दे रहे हैं ! मैं इन्हें विश्व में कोरोना वायरस फ़ैलाने का इल्जाम इसीलिए लगा रहीं हूँ क्योंकि शायद ही विश्व का कोई कोना ऐसा होगा जहां इस जमात के लोग ना रहतें हों ! लगभग 190 से ऊपर देशों में इस जमात की उपस्थिति है! तबलीगी जमात में जिस तरह से जमाती कोरोना positive पाए गए और कुछ तो कोरोना वायरस से मर गये , इससे लगता है कि इनका मिशन कुछ और ही था ! जब देश के विभिन्न हिस्सों में तबलीगी जमात लगा के गये लोगों का कोरोना टेस्ट किया तो आंकड़े हैरान करने वाले थे ! इतने सारे जमाती कोरोना पॉजिटिव निकले कि इन्होने पूरे भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या में भारी इजाफा हो गया !

       अब हम तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद की बात करते हैं, अगर आप इनके विडियो देखें या ऑडियो क्लिप सुनें तो आप पाएंगें कि यह हद से ज्यादा भड़काऊ भाषण दे रहें हैं ! इस ऑडियो क्लिप में कहा गया है कि लोग बढ़ - चढ़ कर मस्जिद जाएँ ! अल्लाह आपको बचाएगा, ये वायरस मुसलमानों के लिए नहीं है यह वायरस तो काफिरों के लिए है! सरकार सामाजिक दूरी की बात कर रही है , सरकार मास्क लगाने को कह रही है , सफाई रखने को कह रही है , sanitiser का इस्तेमाल करने के लिए कह रही है ! सरकार की तरफ से नारे दिए जा रहे हैं कि घर में रहे, सुरक्षित रहें और तबलीगी जमात के लोग निजामुद्दीन मुख्यालय में भारी संख्या में एकत्रित थे ! बार – बार चेतावनी देने के बाद भी वहां से हटने को तैयार नहीं थे और जब हटे भी तो ज्यादा से ज्यादा इन्फेक्शन फ़ैलाने के लिए बसों , डॉक्टरों , नर्सों , रास्ते पर थूका ! कितना असभ्य समाज है इनका , जिन डॉक्टर्स , पैरामेडिकल स्टाफ , स्वास्थ्य कर्मियों का लोगों ने ताली , थाली या घंटी बजा कर इनके किये गए कार्यो को प्रोत्साहित किया! इन्होने प्रोत्साहन तो क्या करना था , संगरोध केन्द्रों ( Quarantine Centres)  में बदतमीजी कर रहे हैं! नर्सों को छेड़ रहे हैं , बीडी , सिगरेट मांग रहे है! आत्महत्या करने का नाटक कर रहे हैं ! क्या तबलीगी जमात में इन्हें यह सिखया जाता है !

       मोहम्मद साद का दोगलापन तो देखिये , जब लगा कि ममैं फंस रहा हूँ तो वहां से भाग गया! अपने वंदों को कोरोना वायरस करवा कर खुद Home quarantine में चला गया ! लेख लिखने तक फरार है ! पहले जमातियों को भड़काऊ भाषण दिया और अब कह रहा है कि सामाजिक दूरी बनाएं , सरकार के आदेशों का पालन करें , डॉक्टर्स का कहना माने , मस्जिद ना जाएँ , घर से ही नमाज अदा करें ! जब सभी मंदिर , गुरूद्वारे , चर्च बंद है तो इनके धार्मिक मुखिया इन्हें सलाह दे रहें है कि मस्जिद जाओ और वहां पर नमाज अदा करों ! अरे मूर्खो जब इन्सान बचेगा तभी धर्म बचेगा ! जब सभी इंसान ही मर जाएंगें तो धर्म का क्या करोगे ! तबलीगी जमात ने  देश में कोरोना फ़ैलाने के लिए जो किया वह अति निंदनीय है और शर्मनाक हरकत है ! Quarantine center में जो यह कर रहे है वह यही दर्शाता है कि इनके मनसूबे कुछ और ही थे ! अब जब ये पकडे गए तो डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ पर भडास निकाल रहें है !

       दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन मुल्लाओं के आगे कितने मजबूर है कि चाहते हुए भी lockdown नहीं लगा पा रहें है और इसी वजह से वहां कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है ! लेख लिखने तक मेरे अपने गृह जिले ऊना में तीन कोरोना वायरस के मामले मिले! यह तीनों लोग निजामुद्दीन दिल्ली में तबलीगी जमात में जा कर आये थे! मोहमद साद का ऑडियो सुन कर आप समझ गए होंगे कि इन्होने वहां पर कितना जहर सुना है और पुरे देश में ऐसा ही जहर फैलाएंगे और तो और जो विदेशी इनके अड्डो से पकडे गए हैं वह सभी पर्यटक वीजा पर भारत आये थे पर कर रहे थे धर्म का प्रचार ! पुलिस के सामने इन्होने कबूला कि अंदर सिर्फ 1000 जमाती है! परन्तु जब 2300 से ज्यादा निकले तो आप समझ गए होंगे कि कितना झूठ बोल रहे है ! टेलीविज़न , रेडियो और तरह – 2 के समाचारपत्रों में कोरोना वायरस के बारे में और इस वायरस कि घातकता के बारे में बताया जा रहा है, पता नहीं किस तरह की मानसिकता है कि यह मोहम्मद साद जैसे लोगों की सुनते हैं ! कितना कट्टरवाद भरा है इनके दिमाग में ! दोहरी मानसिकता है इनकी जब यही लोग शाहिनबाग में इकट्ठा होते है तो बोलते है कि सविधान खतरे में है और कह रहे है कि सरकार ने CAA लागू कर के सविधान का उल्लंगन किया है परन्तु अब यही लोग निजामुद्दीन और quarantine केन्द्रों में सविधान की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं !

       कितनी हैरानी की बात है कि सभी धर्मों के लोग घर में बैठ कर पूजा कर रहे हैं और तबलीगी जमात वाले मस्जिदों की तरफ दौड़ रहें है ! इनके धर्म गुरु अपने  आप घर में Quarantine हुए हैं और इनके बच्चे भी Social Distance का पालन कर रहे हैं परन्तु यह भोले भाले लोगों को भड़का रहे है कि मस्जिद जाओ और सामजिक दूरी ना बनाओ ! लोगों को भड़का कर यह अपनी जेबें भर रहें हैं और बड़े बड़े राजमहलों जैसे कोठियां बनाई हुई है ! मोहम्मद साद जैसे लोग कह रहे है कि मस्जिद में नमाज अदा करो आपको बचाने के लिए 70000 फरिश्ते आएंगे ! यह सभी धार्मिक गुरु अपने बच्चों को तो बड़े बड़े स्कूलों में डालते हैं और भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाते हैं ! आप खुद ही देख रहें है कि इन्हें किस तरह पकड़ पकड़ कर घर में नमाज अदा करने के लिए कहा जा रहा है !

       अंत में मैं आप सभी तबलीगी जमात वालों से यही कहना चाहती हूँ कि आप भी भारतीय है , आपके बच्चे , आपका परिवार भी तो इसी देश में रहता है ! आपके द्वारा किसी और के लिए फैलाया गया वायरस आपके अपनों को भी पकड़ सकता है ! आपके अपने भी तो डॉक्टर्स के पेशे में हो सकते हैं ! आपकी अपनी बहने भी नर्सें हो सकती है ! अपने जो परेशानिया नर्स बहनों को दी , हो सकता है कि ऐसी हरकते देश के किसी कोने से आपके बहनों के साथ हो !  

       अतः आप घर में रहें , घर में रहें और  घर में रहें ! सिर्फ और सिर्फ यही तरीका है जो आपके कोरोना वायरस से बचा सकता है ! आप भी भारतीय है और एक भारतीय होने के नाते मुझे आप सभी जमात वालों की सुरक्षा की चिंता है!                          

Thursday, March 26, 2020

CAA (Citizen Amendment Act ) ---- नागरिकता संशोधन अधिनियम


CAA (Citizen Amendment Act ) ---- नागरिकता संशोधन अधिनियम

CAA के बारे में बताने से पहले CAA और CAB के बीच अंतर बताना भी जरूरी है ! ऐसा इसीलिए जरूरी है क्यूंकि शुरू शुरू में अख़बारों में CAB ( Citizen Amendment Bill) कहा गया और बाद में संसद में पास होने के बाद CAA बन गया !
       CAA भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम है ! यह 1955 के नागरिकता कानून का संशोधन है ! इसमें यह व्यवस्था की गई है कि 31 Dec. 2014 से पहले अफगानिस्तान, 
बांग्लादेश, और पाकिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यक (जिसमे हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, पारसी, जैन, इसाई) को भारतीय नागरिकता प्रदान कि जाएगी ! 12 Dec. 2019 को राष्ट्रपति ने इसे स्वीकृति प्रदान की ! CAA से किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छिनी जाएगी ! इसके विरोध को देख कर ऐसा लग रहा है कि विरोध करने वाले भारतीय है ही नहीं क्योंकि किसी भी भारतीय का इसमें कोई नुकसान नहीं है ! मुस्लिमों का तो बस बहाना है !
इस विधेयक कि प्रमुख बातें इस प्रकार है :--
1.    ऐसे प्रवासी, अब भारतीय नागरिकता हेतु आवेदन कर सकते है जो 31 Dec. 2014
से भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं !
2.         CAA  में यह कहा गया है कि पाकिस्तान , अफगानिस्तान , बांग्लादेश के अल्पसंख्यक यदि पांच साल से भारत में रह रहे हैं वह अब भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं!
3.    CAA के तहत पाकिस्तान , अफगानिस्तान , बांग्लादेश से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों को ( हिन्दू , बौद्ध , पारसी , सिख , इसाई , जैन ) को नागरिकता प्रदान की जाएगी !
            इस अधिनियम की सबसे विशेष बात यह है कि CAA में इन तीन देशों के मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी ! इसके पीछे तर्क यह दिया है कि यह सभी मुस्लिम बहुल देश है !
     
CAA का विरोध क्यूँ ???  

            12 Sep. को CAA लागू होने के बाद सबसे पहले इसका विरोध Northeastern state में हुआ ! ज्यादातर विरोध असाम में हो रहा है ! असाम के लोगों को सबसे ज्यादा समस्या यह है कि CAA के बाद पाकिस्तान , अफगानिस्तान , बांग्लादेश से गैर मुस्लिमों को नागरिकता दी जाएगी ! असाम में सबसे ज्यादा बंगलादेशी हिन्दू घुसपैठ कर के आ गए हैं ! वहां के लोकल हिन्दू इस बात से डर रहें है कि CAA के बाद यह बंग्लादेशी हिन्दू भारत के नागरिक बन जाएंगें ! इससे उनकी अपनी संस्कृति और असमी भाषा के लुप्त होने का खतरा है ! उनकी नौकरियां छिन जाएगी !

शाहिनबाग और CAA
      शाहिनबाग में CAA  का विरोध करने वालों ने इसे असवैंधानिक बता कर पूरी सड़क पर 100 दिनों से कब्ज़ा कर के रखा है ! पहले तो कुछ व्यक्ति ही इन्हें गद्दार कहते थे परन्तु अब तो जिस तरह से यह लोग CORONA के इतने बड़े खतरे से बेपरवाह होकर ससरकार के आदेशों का उल्लंगन कर रहे हैं तब से आम जन भी इन्हें गद्दार कह रहे हैं ! कोरोना वायरस पर यह लोग कह रहे हैं कि अल्लाह हमें बचाएगा , हमें कुछ नहीं होगा ! इस बीच सुनने में आया है कि शाहिनबाग में कई CORONA positive भी घूम रहे हैं ! CORONA Virus पर इन प्रदर्शनकारियों का अल्प ज्ञान देख कर आप समझ गए होंगे कि CAA, NRC पर इनको कितना ज्ञान है ! प्रदर्शनकारी मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि बात करने पर इनका CAA, NRC पर ज्ञान का पता चल जायेगा ! परन्तु राहत कि बात यह है कि  101 दिनों के बाद इसे खाली करवा लिया है !

O Mother Pleeeease Save me - before birth , after birth & through whole life ------ Kalyug ------ A Bad Yug for Women


ऐसा मुझे पता है माँ , मैं तेरी अपनी नहीं पराई हूँ माँ !
जब सृष्टि चले मेरे से , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
रामायण चले मेरे इर्द - गिर्दतब भी क्या पराई हूँ माँ !
महाभारत चले मेरे इर्द - गिर्द , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
भारत के साथ माता लगावें , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
धरती के साथ माता लगावें , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
दुनिआ जन्मी जिसकी कोख से , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
झाँसी की रानी बनी मैं , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
गांधी इंदिरा बनी मैं , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
PT , सायना, सानीया  बनी मैं , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
दुर्गा , लक्ष्मी , सरस्वती को पूजें , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
नैना , वैष्णो , चामुण्डा पूजें , तब भी क्या पराई हूँ माँ !
एक बार जन्म तो दे माँ , सब कुछ बन दिखलाऊँगी माँ !
 ऐसा मुझे पता है माँ , मैं तेरी अपनी नहीं पराई हूँ माँ !
                Whether we have a right to join the word Mata with Bharat or Maiya with holy river the Ganga or worship durga in Navratra. Here we are playing double game with female. In one side we call them mata or maiya and in other side at ground level situation is totally different. Current example of Nirbhya case and so many cases of eve – teasing is there. Nirbhaya case open our eyes and to let the door for discussion on sexual harassment in Indian society. Before this nobody discuss these matters openly in family. People specially youth gather for justice to Nirbhaya. Minimum punishment for this type of cases should be death sentence and no relaxation for below 18.
                There are thousand of cases of eve – teasing occurs daily in buses and trains. There are so many cases of sexual harassment come to notice, where victim is relative or known person.  In that situation Police can’t do anything. These incidents occur due to low mental level or lack of moral education. If these incidents continuously run then no one is safe in his own house or at known place. There are so many untoward incidents, which your daughter, sister, wife faces and it is known only to peer group of your daughter or your sister or your wife because they don’t want to discuss with the family member. Lack of education and moral value is main reason behind these incidents. Most Indian women faces eve – teasing day to day life. Eve – teasing is sexual harassment toward women by men, which can ranges from very low level to very high level like sexually suggestive remarks, catcalls, brushing etc.
According to WHO ( World Health Organization) , India is not safe for any female to travel alone in India. There are lots of cases of sexual harassment comes to notice but most of the cases are pressed by family member or Police. There are so many remedies for eve – teasing.
                Firstly ignore these people like barking dog in the street. Remain in group as possible. Avoid walking on lonely road. If you travel in bus and someone poke you or touch you, just pull the chain or ring the bell or dial emergency number of your city. Travel in group if you are on night duty or at a BPO jobs. Always carry a weapon like a nail cutter or small folded knife or Mirch powder. If you are seriously in trouble then poke his eyes.  Curtain of your room and bathroom should be solid. Every woman has a right to live with dignity but eve – teasing violates this right.  If you think that only young girls are affected by eve – teaser , then you are wrong. Molestation occurs for all age group, or dress they wear or their look or their profession or martial status. As women faces eve – teasing from men and we can blame ourselves for this . We adopt completely different censorship for Son and Daughter. We never asks our son that where he is going and from where he come. But on other side if girls come late then we throw shower of questions toward her. We ask her rudely that from where she comes and what was the reason behind this? If we adopting different censorship for Son and Daughter then how can we say that  “ both have equal right”. It is responsibility of parents to educate their son to respect girls. On 15th August P.M also raises this issue. PM directed all parents that take responsibility of your son and asks their Son in the same way as your daughter.          
                Acid attack is most dangerous to all of these teasing. Female affected by eve – teasing for short time but female suffer life long by acid attack. India is that country where we worship goddess but eve – tease family and throw acid on their faces. We can’t imagine the feeling and pain of girls that are affected by acid attack.  Here I share one example of Luxmi – 24 Years old girl from Delhi. She says – “When she was in 15 , she was attacked by her friend’s brother and when they throw acid on my face , then I felt like someone had set her whole body on fire. The Skin was just coming off. It was dripping from her hand and face ” . But thanks to god that social worker Alok Dixit married with her . Alok Dixit says – “I love her inner Beauty not outer beauty”
                Another major problem we face in our society is child discrimination i.e people prefer to fulfill Son’s needs as compared to daughter’s needs. They make arrangements for Son’s study but remain lazy for girl child. Parents says that why they invest on her , when one day she have to left the house. They celebrate male child’s birthday but have no money for girl child’s birthday. We are responsible for male dominated society. Male child have a right to play after study but girl child have no right to play after study. They are made for kitchen and other unproductive works.
                Dowry system in Indian society gives major stroke to decrease sex ratio. Dowry system and lust for son are the main reason behind the foeticide. If Mother becomes enemy of her girl child then no one can save her. If Mother determined then no one can stop her for girl child birth. In most cases it notices that ladies are enemy of each other. They develop the desire of male child in heart of other lady. In Indian society if first child is female then only mother can explain the bad behavior of other family member toward her. After birth of first female child, situation of family is like that some Snake bite all the family member.
“ Ladka ladki aik saman , yehi hai smridh bharat ki pehchan , banega bharat tabhi mahan”
In our society not only first girl child but birth of girl child at any stage is supposed to be burden. If you think girl child then why worship Sita , Laxmi , Saraswati , Durga , Vaishno , Naina Devi , Chamunda Devi . People need girl child at any cost. In order to fulfill desire of male child, they can do any thing. All these incidents towards women encourage people for foeticide. If we fail to stop all these incidents then that day is not far away when no parents need girl child. But sign of relief comes from central government. Here P.M Narender Modi gave the statement –“Take responsibility of your son. Inquire them in same way as Daughter”. Even HRD Minister Smriti Irani says – “When she was born, someone called her burdon”. Here she was 100% right because when female child born, people thought like some stone comes in their family. This type of thinking is national shame for us.
                Can you imagine, what happened without women? Girls are missing in foeticide with fast speed.
If this speed remains, then in 2050 India becomes women less country. Without women there would be no sister , no mother , no wife , no aunt , no mami , no massi. On the occasion of holy festival rakhi , what we shall do? Who birth next generation? You can imagine the situation in 2050 by few problems occur in 2014. In Haryana due to low sex ratio bride buying is normal. In Jind unmarried youth organization coined the slogan – Bahu dilao – vote lo. They say their main priority is marriage, all other priority are behind this. In India foeticide is accelerate due to fear of huge wedding and dowry cost. But situation becomes worse; when by spending huge amount of money groom side exploit their daughter for more dowries.  
                HRD minister Smriti Irani says – “If you teach girl child then you are educating future” .  Education saves them from exploitation either by husband or by society. Educated lady can take every decision. Family members can force illiterate lady for foeticide but educated lady can’t come under any pressure.
                Although we are living in developed society but our attitude toward working women is still there. Either she works in BPO , Private Company , Bank , Teaching ; all are under strict surveillance of parents or husband. Even 50% of parents and husband suspect their daughter or wife. Is it a right of equality? Answer is purely NOO --- . In one side we gave more freedom to male child but put restriction on girl child.  Punjab Govt. running campaign to save girl child under the name ---NANHI CHAVN. They also gave the slogan – “ Kudia maar mukavange , bahua kitho liaunge”.
                As sex determination is prohibited in India but there are so many clinics in India where sex determination test are done for money. Few Doctors can do anything for money. We can’t blame these clinics. We are blame for this because we pressurize them to determine sex by money. We are killing innocent girls for desire of Son. We know very well that no country can progress without women and without women every country is incomplete. After knowing everything we are indulge in foeticide. It is matter of great concern for few states like Punjab, Haryana, where sex ratio dripping rapidly. Central government is making arrangements to increase sex ratio and to protect ladies from eve – teasing in offices of various departments.  Central government encourages women to apply more and more for any posts, so that men and women ratio in various departments becomes equal.  In UPSC Examinations there is no fee for women candidates.
                Without society contribution, central and state govt. can’t do anything. Success of any female welfare scheme depends upon people’s interest toward these schemes. In old times people kill the new born child if this child is girl. No doubt at that time we were bonded with culture and rituals, but now we are living in democratic country and doing the same killing.  In old time we kill them after birth but now we are killing them before birth. Now in these situation girls requests her mother that pleeease save me.  I am your. I want to become like you. After birth I want to become sister, mother, and wife. Please don’t kill me. O Mother please saves me.
                Lastly I request from all Indian that respect females because your sister , your Mother , Your wife , all are females. As so many females are connected with our life, then why females are affected by eve – teasing?  We have to educate our son from the beginning that respects girls. By adopting this culture we can make safe and peaceful India.
                As India is independent but it is only for men not for women. How can we say that India is Independent for women, when a single woman can’t travel through India?  So we have to make an arrangement for women to feel them living in free India. When parents allow their daughter to out of house without feeling any insecurity, then at that time we can say that they are living in free India.  All the custom will be changed if the entire mother at least gives their daughter all things and freedom to which they have deprived in their own life. Mother , Wife , Sister  are all beautiful things made by god and we should respect the creature of god and people should understand this spiritual concept. We all are creature of god and god resides in everyone in the form of soul. If everyone have soul i.e fraction of god in everyone, then why people discriminate with females , eve – tease them , physically or mentally torture them. If we torture anyone then we are showing disrespect god because we are showing disrespect to God’s creature. 
                If all people avoid eve –teasing, then their sister, Wife and mother would be safe. If you eve- tease any female then it means that someone eve – tease your Sister , Wife or Mother. Now Cat is in your hand and it depends upon you that you leave it or kill it. Our image of goddess worship country is totally shattered by Nirbhaya case.
                If your attitude toward women is safe, then they are safe. Attitudes directly come from mind. If your attitude is wrong, then it means that mind is out of way.
बेटिओं से प्यार करो !
यह देश का गहना है !
इस गहने को प्यार दो !
भारत माँ ने इसे पहना है !
हर गाँवों शहर से आई पुकार !
बेटी चाहिए अब की बार !
जब बेटा बेटी एक समान !
तभी बनेगा भारत महान

 Safe and Educated Woman Means Progressive India.